Feed and Fodder Entrepreneurship Scheme: 50% से 100% सब्सिडी प्राप्त करें और शुरू करें अपना बिजनेस! (सम्पूर्ण गाइड)
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Feed and Fodder Entrepreneurship Scheme: 50% से 100% सब्सिडी प्राप्त करें और शुरू करें अपना बिजनेस! (सम्पूर्ण गाइड)
Feed and Fodder Entrepreneurship Scheme: क्या आप जानते हैं कि भारत में डेयरी फार्मिंग का 60% से 70% खर्च केवल पशुओं के चारे (Fodder) पर होता है? सोचिए, अगर आप इस खर्च को आधा कर सकें या फिर चारे का बिजनेस करके लाखों कमा सकें, तो कैसा रहेगा?
आज के समय में, पशुपालन व्यवसाय मुनाफे का सौदा तो है, लेकिन महंगे चारे और उसकी कमी ने कई किसानों और उद्यमियों की कमर तोड़ रखी है। इसी दर्द को समझते हुए, भारत सरकार ने Feed and Fodder Entrepreneurship Scheme (FFES) की शुरुआत की है। यह योजना सिर्फ एक सरकारी स्कीम नहीं है, बल्कि आपके लिए एक सफल उद्यमी (Entrepreneur) बनने का सुनहरा मौका है।
इस विस्तृत गाइड में, हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इस योजना के तहत 50% से लेकर 100% तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। चाहे आप एक किसान हों, स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़े हों, या एक नया स्टार्टअप शुरू करना चाहते हों—यह लेख आपके लिए ही है। हम पात्रता से लेकर आवेदन की एक-एक बारीक जानकारी को बहुत ही सरल हिंदी में समझेंगे, ताकि आप बिना किसी गलती के इसका लाभ उठा सकें। तो चलिए, सफलता की इस यात्रा को शुरू करते हैं।
Feed and Fodder Entrepreneurship Scheme आखिर है क्या?
साधारण शब्दों में कहें तो, यह योजना केंद्र सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग द्वारा शुरू की गई एक क्रांतिकारी पहल है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में चारे की कमी को दूर करना और 'चारा उद्यमियों' (Fodder Entrepreneurs) की एक नई फौज तैयार करना है।
अक्सर हम देखते हैं कि हरे चारे की कमी के कारण पशुओं का दूध उत्पादन कम हो जाता है, जिससे सीधा असर किसान की जेब पर पड़ता है। यह योजना इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए 'हब और स्पोक' (Hub and Spoke) मॉडल पर काम करती है। इसका मतलब है कि सरकार चाहती है कि आप केवल चारा उगाएं नहीं, बल्कि उसे प्रोसेस करें, स्टोर करें और उसका बिजनेस करें।
इस योजना के पीछे सरकार का विजन (Vision & Objectives)
सरकार ने इस योजना को तीन मुख्य स्तंभों पर खड़ा किया है, जिन्हें समझना आपके लिए बेहद जरूरी है:
उत्तम बीज उत्पादन श्रृंखला (Seed Production Chain): अच्छी फसल के लिए अच्छा बीज जरूरी है। सरकार चाहती है कि उच्च गुणवत्ता वाले चारे के बीजों का उत्पादन बड़े पैमाने पर हो।
क्षमता निर्माण (Capacity Building): केवल पैसा देना काफी नहीं है। सरकार चाहती है कि राज्य के अधिकारी और पशुपालक नई तकनीकों को सीखें—जैसे कि चारे को लम्बे समय तक सुरक्षित कैसे रखा जाए (Conservation) और उसका सही उपयोग कैसे हो।
सिनर्जी और कन्वर्जेंस (Synergy): पहले से चल रही अन्य योजनाओं के साथ तालमेल बिठाकर चारे के संसाधनों को विकसित करना।
योजना के बेमिसाल फायदे: आपको क्या मिलेगा? (Benefits of the Scheme)
यह हिस्सा आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण है। FFES योजना आपको आर्थिक रूप से कैसे सशक्त बनाएगी, आइए विस्तार से जानते हैं।
1. भारी-भरकम सब्सिडी (Subsidy Structure)
इस योजना का सबसे बड़ा आकर्षण इसकी सब्सिडी है। सरकार ने इसे दो भागों में बांटा है:
फीड और फॉडर एंटरप्रेन्योरशिप के लिए: यदि आप चारे से जुड़ा कोई उद्योग लगाते हैं (जैसे साइलेज बनाना, ब्लॉक बनाना आदि), तो आपको 50% डायरेक्ट कैपिटल सब्सिडी मिलेगी। यानी अगर आपके प्रोजेक्ट की लागत 10 लाख रुपये है, तो 5 लाख रुपये सरकार देगी।
चारा बीज उत्पादन के लिए: यदि आप चारे के बीजों (Fodder Seeds) का उत्पादन करते हैं, तो आपको 100% सब्सिडी मिल सकती है। यह विशेष रूप से उन किसानों के लिए है जो बीजों की खेती में महारत हासिल करना चाहते हैं।
2. मशीनों की खरीद पर सहायता (Assistance for Machinery)
हाथ से काम करने का जमाना अब गया। इस योजना के तहत आप आधुनिक मशीनें खरीद सकते हैं जो आपका काम आसान और तेज कर देंगी। इसमें शामिल हैं:
बेलर्स (Bailers): सूखी घास के गट्ठर बनाने वाली मशीन।
ब्लॉक मेकिंग मशीन (Block Making Machines): चारे के सघन ब्लॉक बनाने के लिए, जो परिवहन में आसान होते हैं।
TMR मशीनें (Total Mixed Ration): यह मशीन पशुओं के लिए संतुलित आहार तैयार करती है, जिससे दूध उत्पादन बढ़ता है।
फोरेज हार्वेस्टर्स (Forage Harvesters): चारे की कटाई के लिए आधुनिक मशीनें।
3. आय में वृद्धि (Increased Income)
जब आप सस्ता और पौष्टिक चारा अपने पशुओं को देंगे, तो दूध उत्पादन बढ़ेगा। साथ ही, अगर आप चारा बेचते हैं, तो यह आय का एक अतिरिक्त और मजबूत जरिया बन जाएगा।
पात्रता मानदंड: कौन कर सकता है आवेदन? (Eligibility Criteria)
सरकार ने इस योजना के दरवाजे लगभग सभी के लिए खोल रखे हैं। लेकिन, आवेदन करने से पहले आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप इन श्रेणियों में आते हैं:
व्यक्तिगत उद्यमी (Individuals): कोई भी अकेला व्यक्ति जो अपना बिजनेस शुरू करना चाहता है।
स्वयं सहायता समूह (SHG): गांव की महिलाओं या पुरुषों के समूह।
संयुक्त देयता समूह (JLG): किसानों के छोटे समूह।
किसान उत्पादक संगठन (FPO): किसानों की कंपनियां।
डेयरी सहकारी समितियां (Dairy Cooperative Societies): जो पहले से दूध के व्यवसाय में हैं।
सेक्शन 8 कंपनियां (NGOs): गैर-लाभकारी संस्थाएं जो ग्रामीण विकास में लगी हैं।
जरूरी शर्तें (Must-Have Conditions)
केवल कैटेगरी में होना काफी नहीं है, आपको ये शर्तें भी पूरी करनी होंगी:
अनुभव या प्रशिक्षण: आपके पास इस क्षेत्र में काम करने का अनुभव होना चाहिए या आपने कोई ट्रेनिंग ली हो। अगर आप खुद एक्सपर्ट नहीं हैं, तो आपके पास कोई तकनीकी एक्सपर्ट (Technical Expert) होना चाहिए।
लोन की मंजूरी: आपके पास बैंक से प्रोजेक्ट लोन मंजूर होना चाहिए या बैंक गारंटी होनी चाहिए। यह दिखाता है कि आप और आपका प्रोजेक्ट आर्थिक रूप से व्यवहार्य (Viable) हैं।
जमीन: प्रोजेक्ट लगाने के लिए आपके पास खुद की जमीन होनी चाहिए या लीज (पट्टे) पर ली गई जमीन होनी चाहिए।
KYC: आपके पास सभी पहचान पत्र और दस्तावेज पूरे होने चाहिए।
बीज उत्पादन पर विशेष इंसेंटिव (Special Incentives for Seed Production)
सरकार जानती है कि 'ब्रीडर सीड्स' (Breeder Seeds) किसी भी फसल की नींव होते हैं। इसलिए, विभिन्न प्रकार के बीजों के उत्पादन के लिए सरकार ने अलग-अलग सहायता राशि तय की है:
ब्रीडर सीड (Breeder Seed): 250 रुपये प्रति किलोग्राम तक की सहायता।
फाउंडेशन सीड (Foundation Seed): 150 रुपये प्रति किलोग्राम तक।
सर्टिफाइड सीड (Certified Seed): 100 रुपये प्रति किलोग्राम तक।
यह सहायता इसलिए दी जा रही है ताकि उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का अधिक से अधिक उत्पादन हो और वे आम किसानों तक पहुंच सकें।
योजना के प्रमुख घटक और तकनीकी विवरण (Detailed Components)
आइए थोड़ा गहराई में उतरते हैं और समझते हैं कि आप किन-किन गतिविधियों के लिए पैसा मांग सकते हैं:
साइलेज मेकिंग यूनिट (Silage Making Unit)
साइलेज, जिसे 'पशुओं का अचार' भी कहा जाता है, हरे चारे को संरक्षित करने का सबसे अच्छा तरीका है। जब हरा चारा उपलब्ध नहीं होता, तब साइलेज काम आता है। आप बड़े पैमाने पर मक्का या ज्वार उगाकर उसका साइलेज बनाकर पैक कर सकते हैं और डेयरियों को बेच सकते हैं। यह एक बहुत ही प्रॉफिटेबल बिजनेस मॉडल है।
फॉडर ब्लॉक मेकिंग (Fodder Block Making)
सूखे चारे को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना बहुत महंगा पड़ता है क्योंकि वह जगह ज्यादा घेरता है। फॉडर ब्लॉक मशीन चारे को दबाकर छोटी 'ईंटों' या ब्लॉकों में बदल देती है। इससे ट्रांसपोर्ट का खर्च 50% तक कम हो जाता है। अगर आप ऐसे इलाके में हैं जहां सूखा पड़ता है, तो यह बिजनेस वहां बहुत चल सकता है।
TMR (Total Mixed Ration) यूनिट
आजकल की आधुनिक डेयरियों को पता है कि पशु को हर निवाले में संतुलित पोषण मिलना चाहिए। TMR मशीनें चारे, दाने, खनिज लवण और विटामिन्स को एक सही अनुपात में मिलाती हैं। आप एक TMR सेंटर खोल सकते हैं और आसपास के किसानों को तैयार संतुलित आहार (Ready-to-eat feed) सप्लाई कर सकते हैं।
डेटा और तुलनात्मक चार्ट (Data Visualization)
नीचे दी गई तालिका में बीज उत्पादन के लिए दी जाने वाली सहायता का विवरण है, जिसे समझना आपके लिए फायदेमंद होगा:
| बीज की श्रेणी (Seed Category) | सब्सिडी/सहायता राशि (Subsidy Amount) | उद्देश्य (Objective) |
| ब्रीडर सीड (Breeder Seed) | ₹250 प्रति किलोग्राम तक | अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना। |
| फाउंडेशन सीड (Foundation Seed) | ₹150 प्रति किलोग्राम तक | बीजों की गुणवत्ता बनाए रखना। |
| सर्टिफाइड सीड (Certified Seed) | ₹100 प्रति किलोग्राम तक | किसानों को खेती के लिए उपलब्ध कराना। |
आवेदन प्रक्रिया: स्टेप-बाय-स्टेप गाइड (How to Apply)
इस योजना में आवेदन करना पूरी तरह से ऑनलाइन है। यहां बताया गया है कि आप कैसे बिना किसी गलती के आवेदन कर सकते हैं:
चरण 1: पोर्टल पर जाएं
सबसे पहले आपको आधिकारिक वेबसाइट https://nlm.udyamimitra.in/ पर जाना होगा। यह पोर्टल विशेष रूप से राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) के लिए बनाया गया है।
चरण 2: पंजीकरण (Registration)
पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करें। यहां आपको अपनी बेसिक जानकारी जैसे नाम, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी देनी होगी।
चरण 3: आवेदन फॉर्म भरना
लॉगिन करने के बाद, 'Feed and Fodder Entrepreneurship Scheme' का विकल्प चुनें। फॉर्म में मांगी गई सभी जानकारी ध्यान से भरें। याद रखें, एक छोटी सी गलती भी आपका आवेदन रद्द करवा सकती है।
चरण 4: दस्तावेजों को अपलोड करना
अपने प्रोजेक्ट की विस्तृत रिपोर्ट (DPR), जमीन के कागज, और अन्य जरूरी दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करें।
चरण 5: जांच और मंजूरी (Screening & Approval)
सबसे पहले राज्य की कार्यान्वयन एजेंसी (SIA) आपके आवेदन की जांच करेगी।
इसके बाद, आपका बैंक आपके लोन को मंजूरी देगा।
फिर, पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) आपकी सब्सिडी को अप्रूव करेगा।
अंत में, राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति (SLEC) की सिफारिश पर सब्सिडी आपके खाते में जारी कर दी जाएगी।
सफलता के लिए प्रो-टिप्स (Pro-Tips for Approval)
DPR मजबूत बनाएं: आपकी डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) ही आपकी सफलता की कुंजी है। इसमें स्पष्ट रूप से बताएं कि आप कितना पैसा लगाएंगे, कितना कमाएंगे और मार्केट में आप अपना प्रोडक्ट कैसे बेचेंगे।
बैंक से अच्छे संबंध: आवेदन करने से पहले अपने बैंक मैनेजर से मिलें और उन्हें अपने प्रोजेक्ट के बारे में समझाएं। बैंक की सहमति के बिना सब्सिडी मिलना मुश्किल है।
आवश्यक दस्तावेजों की चेकलिस्ट (Documents Checklist)
आवेदन करने बैठने से पहले ये कागज तैयार रखें:
[ ] पते का प्रमाण: आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि।
[ ] जाति प्रमाण पत्र: यदि लागू हो।
[ ] जमीन के दस्तावेज: खतौनी, रजिस्ट्री या लीज एग्रीमेंट।
[ ] शिक्षा का प्रमाण पत्र: मार्कशीट या डिग्री।
[ ] प्रशिक्षण प्रमाण पत्र: ट्रेनिंग सर्टिफिकेट की फोटोकॉपी।
[ ] आय प्रमाण: पिछले 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट और इनकम प्रूफ।
[ ] DPR (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट): इसमें कुल लागत, आवर्ती लागत (Recurring Cost) और शुद्ध आय का विवरण हो।
[ ] जुड़े हुए किसानों की सूची: नाम, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और पता।
[ ] प्रोजेक्ट एरिया की फोटो: जहां आप यूनिट लगाएंगे, वहां की साफ तस्वीर।
निष्कर्ष (Conclusion)
Feed and Fodder Entrepreneurship Scheme केवल एक सब्सिडी योजना नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को बदलने की एक मुहिम है। 50% से 100% तक की आर्थिक मदद देकर सरकार ने गेंद आपके पाले में डाल दी है। अब बारी आपकी है कि आप इस अवसर को कैसे लपकते हैं। चाहे आप एक छोटे किसान हों जो अपनी आय बढ़ाना चाहता है, या एक बड़ा उद्यमी जो एग्री-बिजनेस में क्रांति लाना चाहता है—रास्ता अब साफ है।
याद रखें, अवसर बार-बार दरवाजा नहीं खटखटाते। अपने दस्तावेजों को इकट्ठा करें, एक ठोस प्लान बनाएं और आज ही आवेदन करें। भारत को आत्मनिर्भर बनाने की इस यात्रा में आपका योगदान न केवल देश के लिए, बल्कि आपके अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए भी मील का पत्थर साबित होगा।
अभी कदम उठाएं! अपनी नजदीकी पशुपालन विभाग या बैंक से संपर्क करें और अपनी सफलता की कहानी लिखना शुरू करें।
लोग यह भी पूछते हैं (FAQs)
Q1. क्या मैं इस योजना के लिए व्यक्तिगत रूप से आवेदन कर सकता हूं?
जी हां, बिल्कुल। यह योजना व्यक्तिगत उद्यमियों (Individuals) के लिए पूरी तरह से खुली है। आपको बस यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके पास आवश्यक जमीन है, बैंक से ऋण की स्वीकृति मिल सकती है और आपके पास संबंधित क्षेत्र में थोड़ा अनुभव या प्रशिक्षण है।
Q2. फीड और फॉडर स्कीम के तहत मुझे कितनी सब्सिडी मिलेगी?
यह आपकी गतिविधि पर निर्भर करता है। यदि आप फॉडर ब्लॉक मेकिंग या साइलेज यूनिट जैसा कोई उद्यम शुरू कर रहे हैं, तो आपको प्रोजेक्ट लागत पर 50% कैपिटल सब्सिडी मिलेगी। वहीं, यदि आप चारा बीज उत्पादन (Seed Production) कर रहे हैं, तो सब्सिडी 100% तक हो सकती है।
Q3. आवेदन के लिए कौन से मुख्य दस्तावेजों की आवश्यकता है?
आवेदन के लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं: आपकी जमीन के कागज (स्वामित्व या लीज), बैंक लोन की स्वीकृति या गारंटी, आधार कार्ड, पैन कार्ड, प्रोजेक्ट की विस्तृत रिपोर्ट (DPR), और पिछले 6 महीने का बैंक स्टेटमेंट। साथ ही, प्रशिक्षण प्रमाण पत्र भी एक अहम दस्तावेज है।
Q4. क्या मुझे सब्सिडी के लिए पहले बैंक से लोन लेना जरूरी है?
हां, यह अनिवार्य है। योजना के दिशानिर्देशों के अनुसार, आपके पास बैंक या वित्तीय संस्थान से प्रोजेक्ट के लिए स्वीकृत लोन (Sanctioned Loan) होना चाहिए। यह सरकार को यह भरोसा दिलाता है कि आपका प्रोजेक्ट आर्थिक रूप से मजबूत है और बैंक ने इसकी जांच कर ली है।
Q5. इस योजना में आवेदन करने की आधिकारिक वेबसाइट क्या है?
आप इस योजना के लिए केवल ऑनलाइन माध्यम से ही आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आधिकारिक पोर्टल https://nlm.udyamimitra.in/ है। किसी भी अन्य वेबसाइट या एजेंट के झांसे में न आएं और सीधे इसी पोर्टल का उपयोग करें।
(MCQ Quiz)
Q1. फीड और फॉडर उद्यमिता योजना के तहत बीज उत्पादन (Seed Production) के लिए कितनी सब्सिडी दी जाती है?
A) 25%
B) 50%
C) 75%
D) 100%
सही उत्तर: D) 100%
Q2. निम्नलिखित में से कौन इस योजना के लिए पात्र नहीं है?
A) स्वयं सहायता समूह (SHG)
B) विदेशी नागरिक
C) व्यक्तिगत उद्यमी
D) किसान उत्पादक संगठन (FPO)
सही उत्तर: B) विदेशी नागरिक
Q3. 'ब्रीडर सीड' (Breeder Seed) के उत्पादन के लिए प्रति किलोग्राम कितनी सहायता राशि प्रदान की जाती है?
A) ₹100
B) ₹150
C) ₹200
D) ₹250
सही उत्तर: D) ₹250
Q4. आवेदन प्रक्रिया में सब्सिडी की मंजूरी अंतिम रूप से किसके द्वारा दी जाती है?
A) ग्राम प्रधान
B) बैंक मैनेजर
C) पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD)
D) पटवारी
सही उत्तर: C) पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD)
Q5. इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदन किस पोर्टल के माध्यम से करना होगा?
A) pmkisan.gov.in
B) nlm.udyamimitra.in
C) digitalindia.gov.in
D) agricoop.nic.in
सही उत्तर: B) nlm.udyamimitra.in

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